Header Ads

1 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए/ 2 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए/ 3 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाचाहिएना /4 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए/5 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए/ 6 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए/ 7 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए/ 8 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए/9 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए

 प्रेगनेंसी में हेल्दी डाइट प्लान (महीनेवार गाइड)


गर्भावस्था के दौरान माँ और बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए सही खान-पान बेहद जरूरी होता है। गर्भावस्था कुल 9 महीने यानी 40 हफ्तों की होती है, जिसमें हर तिमाही में अलग-अलग पोषण की जरूरत होती है। यह जानकारी आपको प्रेगनेंसी के हर महीने के लिए एक संपूर्ण डाइट प्लान प्रदान करेगा, जिससे माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रह सकें।

1 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए

पहली तिमाही (1 से 3 महीना)

प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने बच्चे के अंगों के विकास का समय होता है। इस दौरान पोषण से भरपूर भोजन आवश्यक होता है, खासकर फोलिक एसिड, आयरन और प्रोटीन।

पहला महीना

इस समय महिलाएं अक्सर प्रेगनेंसी की खबर पाती हैं, इसलिए एक हेल्दी डाइट को अपनाना जरूरी होता है।

खाने में शामिल करें:

- फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पालक, मेथी, ब्रोकली, दालें और संतरा

- प्रोटीन युक्त आहार जैसे दूध, दही, अंडा, पनीर और सोयाबीन

- विटामिन B6 से भरपूर केला और नट्स, जो मॉर्निंग सिकनेस कम करता है

- हाइड्रेशन के लिए खूब पानी और नारियल पानी

बचें:

- जंक फूड और अत्यधिक तले-भुने खाद्य पदार्थ

- अधिक कैफीन (कॉफी और चाय)

दूसरा महीना

इस समय मॉर्निंग सिकनेस और थकान बढ़ सकती है, इसलिए हल्का और पोषण युक्त भोजन जरूरी है।

खाने में शामिल करें:

- अदरक और नींबू से बनी चीजें, जो उल्टी को कम करने में सहायक होती हैं

- आयरन से भरपूर हरी सब्जियाँ और खजूर

- कैल्शियम के लिए दूध, पनीर और बादाम

- साबुत अनाज और घी, जो शरीर को ऊर्जा देते हैं

बचें:

- अधिक मसालेदार और तैलीय भोजन

- कच्चे या अधपके अंडे और मांस

तीसरा महीना

अब शिशु का विकास तेजी से हो रहा होता है, इसलिए अधिक पोषण की आवश्यकता होती है।

खाने में शामिल करें:

- प्रोटीन और आयरन के लिए हरी सब्जियाँ, फल, अंकुरित अनाज और मांसाहारी विकल्प

- विटामिन D के लिए धूप में बैठना और मशरूम खाना

- नट्स और बीज (अलसी, चिया सीड्स)


---

दूसरी तिमाही (4 से 6 महीना)

अब शिशु का आकार बड़ा होने लगता है और माँ का वजन भी बढ़ने लगता है। इस दौरान शरीर को अधिक ऊर्जा और पोषण की आवश्यकता होती है।

चौथा महीना

इस समय भूख बढ़ने लगती है और शरीर में अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है।

खाने में शामिल करें:

- आयरन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे चना, राजमा, दूध और अंजीर

- कार्बोहाइड्रेट से भरपूर साबुत अनाज, दलिया और मल्टीग्रेन ब्रेड

- विटामिन C से भरपूर संतरा, अमरूद और नींबू

बचें:

- अधिक चीनी और मीठे खाद्य पदार्थ

- अधिक नमक और पैकेज्ड फूड

पाँचवा महीना

अब बच्चे की हड्डियाँ और अंग मजबूत हो रहे होते हैं।

खाने में शामिल करें:

- ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए अखरोट, मछली और अलसी

- दूध, पनीर और हरी सब्जियाँ

- फाइबर से भरपूर आहार जैसे ओट्स और ब्राउन राइस

छठा महीना

अब माँ को वजन बढ़ने का अहसास होता है, इसलिए हल्का लेकिन पोषण युक्त भोजन जरूरी है।

खाने में शामिल करें:

- एंटीऑक्सीडेंट युक्त बेरीज़, गाजर और टमाटर

- हल्दी वाला दूध और अदरक की चाय

- प्रोटीन और आयरन युक्त आहार

बचें:

- अधिक नमक और प्रोसेस्ड फूड


---

तीसरी तिमाही (7 से 9 महीना)

अब बच्चा लगभग पूरी तरह विकसित हो चुका होता है और डिलीवरी की तैयारी होने लगती है। इस दौरान ऐसे आहार जरूरी होते हैं जो माँ को ऊर्जा दें और डिलीवरी के लिए शरीर को मजबूत करें।

सातवाँ महीना

इस समय कुछ महिलाओं को एसिडिटी और कब्ज की समस्या हो सकती है।

खाने में शामिल करें:

- हाइड्रेटिंग फूड जैसे खीरा, तरबूज और नारियल पानी

- फाइबर से भरपूर आहार (साबुत अनाज, फल और हरी सब्जियाँ)

- हल्के मसाले और हर्बल टी

बचें:

- अधिक तला और मिर्ची वाला खाना

- कैफीन और सोडा ड्रिंक्स

आठवाँ महीना

अब शरीर भारी महसूस होने लगता है, इसलिए हल्का लेकिन एनर्जी युक्त आहार जरूरी होता है।

खाने में शामिल करें:

- छोटे-छोटे मील दिनभर में लें

- आयरन और कैल्शियम युक्त आहार जैसे दालें, पनीर, अंडा

- ऊर्जा के लिए गुड़ और ड्राई फ्रूट्स

नौवाँ महीना

अब डिलीवरी करीब है, इसलिए पौष्टिक और हल्का भोजन लेना सबसे अच्छा रहता है।

खाने में शामिल करें:

- मूँग दाल, खिचड़ी और दलिया

- प्रोटीन और आयरन से भरपूर चिकन, पनीर और हरी सब्जियाँ

- गर्म दूध और घी, जिससे डिलीवरी आसान हो


---


अतिरिक्त टिप्स

- नियमित रूप से व्यायाम करें, जैसे हल्की वॉक और योग

- रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं

- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें

- घर का बना पौष्टिक खाना ही खाएँ


इस डाइट प्लान को अपनाने से माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे और डिलीवरी भी आसान होगी।


कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.